Happy Birthday MS Dhoni। आज यानी 7 जुलाई को (MS Dhoni) अपना 42वां जन्मदिन मना रहे है। बता दें कि MS Dhoni को क्रिकेटर नहीं बल्कि सेना में जवान बनने का सपना था। उन्होंने इस बारे में खुद ही खुलासा किया था। MS Dhoni ने मिलिट्री के पैराशूट रेजीमेंट में एक बार जवानों के साथ टाइम स्पेंड कर ये बताया था कि वह फौजी बनना चाहते थे।
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। Happy Birthday MS Dhoni। कहते है कि अगर दिल में जज्बा हो तो हर सपना साकार हो जाता है। ऐसा ही एक सपना हिंदुस्तान के मामूली परिवार में जन्मे मामूली-से लड़के ने देखा था, जिसने क्रिकेट जगत में एंट्री करते ही हलचल पैदा कर दी थी और अपना सपना पूरा करने की ठानी, लेकिन इस हलचल पैदा करने से पहले उसने अपने सफर के संघर्ष को पूरी शिद्दत के साथ जिया और फिर जहां भी उसने कदम रखे वह सफलता का सोना बन गया।
उसने हर अनहोनी को होनी में बदल दिया। हम किसी और की नहीं, बल्कि पूर्व भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह MS Dhoni की बात कर रहे है, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत छोटे मैदान से ही की थी। माही उस मैदान में क्रिकेट नहीं, बल्कि फुटबॉल खेला करते थे।
वह अपनी टीम के गोलकीपर थे। फुर्ती के साथ बॉल लपकने की उनकी अदा ने कोच को काफी इंप्रेस किया। इसे देखकर कोच ने अपना मन बदला और MS Dhoni का नाम इस तरह क्रिकेट में दाखिल किया।
बस फिर क्या होना था, दिल में आग और दिमाग में बर्फ लिए MS Dhoni की शख्सियत ने क्रिकेट में भी लोगों का दिल जीत लिया, क्योंकि चीते सी फुर्ती की विकेटकीपिंग की उनकी अदा ने देखने वालों पर भी जादू कर दिया।
माही के फैंस के लिए आज का दिन बेहद ही स्पेशल है। (MS Dhoni) आज अपना 42वां बर्थडे मना रहे। ऐसे में उनके इस खास मौके पर हम आपको उनसे जुड़ा एक ऐसा किस्सा बताएंगे, जिसे आप में से बेहद ही कम लोग जानते होंगे।
Happy Birthday Captain Cool: क्रिकेटर नहीं, बल्कि फौजी बनना चाहते थे MS Dhoni
दरअसल, (MS Dhoni) को क्रिकेटर नहीं, बल्कि सेना में जवान बनने का सपना था। उन्होंने इस बारे में खुद ही खुलासा किया था। MS Dhoni ने मिलिट्री के पैराशूट रेजीमेंट में एक बार जवानों के साथ टाइम स्पेंड कर ये बताया था कि वह फौजी बनना चाहते थे।
MS Dhoni ने ये एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए ये बताया था कि उन्हें ऊंचाई से बहुत डर लगता है। इसके बावजूद MS Dhoni ने जवानों के साथ उस वक्त फैन जंप भी किया। जब वह नीचे से ऊपर आए तो उन्होंने कहा कि इस वर्दी में कुछ खास है। शायद इस वर्दी का कमाल है जो मुझे बिल्कुल डर नहीं लगा।
इसके साथ ही MS Dhoni ने कहा कि मैं बचपन से ही सेना में जाना चाहता था। रांची में आर्मी एरिया में अक्सर चला जाता था। वहां जाकर मैं जवानों को देखकर सोचता था कि एक दिन मैं भी ऐसा ही बनूंगा।साल 2011 में विश्व कप जीतने के बाद MS Dhoni को भारतीय सेना के टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक दी गई थी।
जब पद्म भूषण अवार्ड लेने के लिए सेना की वर्दी पहनकर गए थे MS Dhoni
बता दें कि MS Dhoni को साल 2018 में पद्म भूषण अवॉर्ड से नवाजा गया था। इस अवॉर्ड को लेने के लिए एमएस MS Dhoni मानद रैंक लेफ्टिनेंट कर्नल की वर्दी पहनकर गए थे। जैसे ही एमएस MS Dhoni का नाम पुकारा गया तो वह सेना के जवान की तरह गए और ये पुरस्कार लेकर आए। इस अवॉर्ड को हासिल करने क बाद MS Dhoni ने कहा था कि उन्हें काफी खुशी हुई कि उन्हें ये अवॉर्ड मिला और इस वर्दी को पहनकर उन्होंने अवॉर्ड हासिल किया ये उनके लिए गर्व की बात है।