विपक्ष की मोर्चाबंदी के लिए अब Kejriwal ने संभाली कमान; ममता के बाद उद्धव ठाकरे से मिले

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अरविंद केजरीवाल ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मुलाकात के बाद अब बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Kejriwal) से मुलाकात की।

2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ विपक्ष एकजुटता का राग अलापे बैठा है। गैर भाजपा विरोधी दलों को साथ लाने के लिए रणभेरी फूंक रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बाद अब मोर्चा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संभाल लिया है। आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने विपक्षी मोर्चाबंदी के लिए मुहिम तेज कर दी है। बीते दिन बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मुलाकात के बाद अब केजरीवाल ने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Kejriwal) से मुलाकात की है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने साथियों के साथ मुंबई के दौरे पर पहुंचे और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा के साथ-साथ दिल्ली की मंत्री आतिशी भी मौजूद थीं। यह मुलाकात दिल्ली में लाए गए केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर अध्यादेश बिल संसद में पास नहीं हुआ तो 2024 में मोदी सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आएगी। आप नेता ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे ने हमसे वादा किया है कि वे संसद में हमारा समर्थन करेंगे।’

उद्धव ठाकरे ने दिया केजरीवाल को समर्थन

उद्धव ठाकर ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “हम सभी देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। मुझे लगता है कि हमें ‘विपक्षी’ दल नहीं कहा जाना चाहिए, वास्तव में उन्हें (केंद्र) ‘विपक्षी’ कहा जाना चाहिए, क्योंकि वे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं।” ठाकरे ने कहा कि अध्यादेश पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला राष्ट्रीय राजधानी में लोगों के पक्ष में है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने कहा, “केजरीवाल सरकार जनता द्वारा चुनी गई है। यह किस तरह का लोकतंत्र है कि केंद्र ने अध्यादेश पर SC के फैसले को दरकिनार कर दिया।” 

हावड़ा में ममता बनर्जी से मिले केजरीवाल

इससे पहले मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी से हावड़ा में मुलाकात की थी। केजरीवाल ने कहा कि अगर केंद्र के अध्यादेश से जुड़ा कोई बिल राज्यसभा में रद्द हो जाता है तो यह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल होगा। अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2015 में दिल्ली सरकार से सेवाओं के तबादले और पोस्टिंग के अधिकार छीन लिए।


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