शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनिया इन दिनों आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। इसके बावजूद भारत वैश्विक विकास में लगभग 15% योगदान देगा।
Shaktikanta Das: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को भारतीय उद्योग परिसंघ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बड़ी बातें कही। शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच, भारतीय बैंकिंग प्रणाली अब मजबूत स्थिति में बनी हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली तरलता की स्थिति, संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार और बेहतर लाभप्रदता के साथ स्थिर और लचीली बनी हुई है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनिया इन दिनों आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। इसके बावजूद भारत वैश्विक विकास में लगभग 15% योगदान देगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के साथ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रित है, 2023 में वैश्विक विकास में लगभग 70% योगदान करने की उम्मीद है।
ब्याज दर में वृद्धि को रोकना मेरे हाथ में नहीं: शक्तिकांत दास
ब्याज दर में हो रही लगातार बढ़ोतरी पर शक्तिकांत दास ने कहा कि कि ब्याज दर में वृद्धि को रोकना उनके हाथ में नहीं है, यह उस समय की जमीनी स्थिति पर निर्भर करता है। जो कुछ उस समय हो रहा है मुझे उसके हिसाब से फैसला करना है। यह देखना है कि रुझान क्या है। क्या मुद्रास्फीति बढ़ रही है या नरम हुई है।’’
शक्तिकांत दास ने कहा कि अप्रैल में RBI ने रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखते हुए सभी को हैरान कर दिया था। इससे पहले केंद्रीय बैंक मई, 2022 से रेपो दर में ढाई प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। इस तरह के सुझाव आए हैं कि केंद्रीय बैंक को आगामी मौद्रिक समीक्षा बैठकों में नीतिगत दर में बढ़ोतरी नहीं करनी चाहिए।
‘खुदरा मुद्रास्फीति नरम हुई’
दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति भी नरम हुई है, लेकिन अभी इस मोर्चे पर कोताही बरतने की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति के अगले आंकड़े में महंगाई दर 4.7 प्रतिशत से नीचे रहने की उम्मीद है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 4.7 प्रतिशत रही थी। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक देश की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अर्थव्यवस्था को पूरा समर्थन देगा। रिजर्व बैंक ने अपने अबतक के अनुभव के आधार पर केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) ढांचे को और बेहतर किया है।